
शास्त्रों में भगवान शिव को समर्पित कई शक्तिशाली मंत्र हैं। इनमें से शास्त्रों में ॐ नमः शिवाय और महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करने से सभी बाधाएं तो दूर हो ही जाती हैं और अकाल मृत्यु का भय भी समाप्त हो जाता है। हिंदू शास्त्रों में भगवान शिव की पूजा और आराधना के लिए सोमवार का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। सावन और सोमवार के दिन शिव मंत्र का जाप करने से भगवान महादेव अतिशीघ्र प्रसन्न होते हैं। आइए जानते हैं भगवान शंकर जी को समर्पित शिव मंत्र का अर्थ और लाभ।
1. ॐ नमः शिवाय।
मंत्र का अर्थ-
हे! भगवान शिव, मैं आपको बार-बार नमन करता हूं।
मंत्र के लाभ-
इस मंत्र का जाप कोई भी कर सकता है। ॐ नमः शिवाय। मंत्र के जाप के लिए मनुष्य को किसी विशेष स्थान या समय की आवश्यकता नहीं होती है। इस मंत्र को सभी वेदों- उपवेदों का सार माना जाता है। ध्यान और एकाग्रता बनाए रखने में इस मंत्र के विशेष लाभ पाए गए हैं।
2. महामृत्युंजय मंत्र:
ॐ त्रयंबकम यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम्
उर्वरुकामिव बंधन मृत्यु उन्मुख ममृतो
मंत्र का अर्थ-
हम तीन नेत्रों वाले भगवान शिव जी की आराधना करते हैं, जो अपनी शक्ति से इस संसार को बनाए रखते हैं। हम उनसे प्रार्थना करते हैं कि हमें जन्म और मृत्यु के बंधन से मुक्त करें और हमें मोक्ष प्रदान करें। जैसे खीरा अपनी बेल से पककर अपने आप जमीन पर गिर जाता है, वैसे ही यह बेल, इस बेल की तरह, हमें सांसारिक जीवन से जन्म और मृत्यु के सभी बंधनों से मुक्त करती है और हमें मोक्ष प्रदान करती है।
मंत्र के लाभ-
इस मंत्र के जाप से अकाल मृत्यु का भय टल जाता है। इससे कुंडली के अन्य बुरे रोग भी दूर हो जाते हैं। इसके अलावा इस मंत्र का जाप करने से पांच प्रकार के सुख मिलते हैं।
3. शिव गायत्री मंत्र
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवय धिमही।
तन्नो रुद्र: प्रचोदयात।
मंत्र का अर्थ-
हे परम पुरुष, देवताओं के भगवान, भगवान महादेव, हम पर हमेशा अपनी करुणा और दया की वर्षा करें।
मंत्र के लाभ-
इस मंत्र के जाप से व्यक्ति का कल्याण होता है। शिव गायत्री मंत्र सभी पापों का नाश करता है।
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